मेरा नाम पम्मी कौर है और मैं नागाओं असम में सतीर्था फाउंडेशन के साथ काम करती हूं ।
मुझे बुक वॉर्म में जाकर Introduction to library workshop करने का मौका मिला और मैने इस मौके को व्यर्थ नहीं जाने दिया। काफी चुनौतियों को देखते हुए मैने मेरे जाने का सफर तय किया क्योंकि यह मेरे लिए पुस्तकालय के बारे में समझने के लिए एक बहुत ही अच्छा मौका था । किस तरह से पुस्तकालय में हम बच्चो को और अपने आप को जोड़ सकते है और किस प्रकार का वातावरण होना चाहिए जो बच्चो को किताबो के करीब ले जा सके मुझे यह सभी जानना था ।
Bookworm में जाकर Introduction to library workshop में भाग लेना मेरे लिए बहुत ही बड़ी सौभाग्य की बात थी । मैं लाइब्रेरी परिचय का हिस्सा बनी, जो गोवा में स्थित बुकवर्म द्वारा आयोजित छह दिनीय कार्यशाला थी । बुकवर्म एक बच्चों की लाइब्रेरी है जो गोवा के स्कूलों और समुदायों में कई तरह के लाइब्रेरी कार्यक्रम चलाती है । जाते वक्त मैने मेरे साथ कई सारे सवालों को लेकर गई थी, क्योंकि मेरी पुस्तकालय को लेकर समझ काफी सीमित थी Bookworm में जाने के बाद मुझे मेरे सारे सवालों के जवाब अपने आप मिलते गए और मेरी समझ में काफी हद तक वृद्धि हुई । साथ ही बुक वॉर्म में हमारे स्वागत से लेकर अंत तक का सफर बहुत ही मनोभावक था, हर एक सीखने के स्टेप इतने ही सुंदर तरीके से पेश किए गए थे कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अगला चरण क्या होने वाला है उसे जानने के लिए हम बहुत उत्सुक थे। हम कई तरह के नई नई गतिविधि को सिख पाए जैसे कि हमें ब्राउजिंग गेम के जरिए लाइब्रेरी टूर करवाया यह हमारे लिए काफी मजेदार गेम था। बुक वॉर्म लाइब्रेरी की कुछ खास यादगार तस्वीरें इस प्रकार है –
इसके बाद जब हमें स्कूल में लेकर गए तब हमने बहुत कुछ सीखा कि किस तरह स्कूल के शिक्षकों के साथ संपर्क बनाए रखना है, बच्चे जब सेशन में हमारे साथ जुड़ नहीं पाते है तो हमे क्या करना चाहिए इन सबके बारे मुझे पहले कुछ भी ज्ञात नही था। क्योंकि हम हर रोज स्कूल में कई कई तरह की चुनौतयो का सामना करते थे इसके बारे में Bookworm टीम के साथ बात करके हमने बहुत कुछ समझा । हमारे स्कूल विजिट की कुछ यादगार तस्वीरें इस प्रकार है –
साथ ही हमे जब Saligao कम्युनिटी लाइब्रेरी में विजिट के लिए लेकर गए तब हम सभी बच्चों को देखकर आश्चर्य रह गए- बच्चे इतने उत्साहित थे क्योंकि बच्चो से हमने जो भी पूछा सारे सवालों का जवाब वे बिना संकोच दे रहे थे, बच्चों से मैने खुद सीखा कि हर काम में हमारा आत्मा विश्वास ही हमारा साहस है। साथ में हमने यहां एक विजुअल आर्ट एक्टिविटी की जिसमे accordion बुक बनाना भी सीखा, ऐसा session हमने हमारे लाइब्रेरी के बच्चों के साथ कभी नहीं किया था और मेरे लिए एकदम नया एक्सपीरियंस था। इस विजुअल आर्ट के सेशन की कुछ यादगार तस्वीरें इस प्रकार है –
साथ ही हमे Saligao लाइब्रेरी में बच्चो और उनके माता पिता के साथ एक सेशन में विजिट कराया गया था जिसमे बच्चो के साथ उनके माता पिता ने भी सेशन में भाग लिया था। यह विजिट मेरे मन को बहुत ही भाया क्युकी इस सेशन में मैने बच्चो और फैसिलिटेटर के बीच एक बहुत ही सुंदर बॉन्डिंग देखी मैने यह महसूस किया की फैसिलिटेटर बच्चो के साथ दिल से जुड़े है इन सभी के साथ मेरे मन में यह विचार आया कि फैसिलिटेटर के उपर ही निर्भर करता है कि वे किस प्रकार का वातावरण गढ़ रहे है । साथ ही बच्चो की उनके माता पिता के साथ एक आर्ट एक्टिविटी हुई थी, मुझे इस एक्टिविटी का तरीका काफी अच्छा लगा, साथ ही मैने यह भी सिखा कि किस तरह फैसिलिटेटर बच्चो को उनके माता पिता के साथ जोड़ रहे है।
फ़ील्ड प्रोजेक्ट
हमे हमारे कार्यशाला के सीख को और भी ज्यादा गहरा करने के लिए हमे एक फील्ड प्रोजेक्ट दिया गया था , जैसा कि मेरा फील्ड प्रोजेक्ट में विषय था रीड अलाउड। मैने रीड अलाउड के छः सेशन बच्चो के साथ किए थे, हमे यह सारे सेशन को करने के लिए एक समय सीमा दी गई थी जिसके बीच हमे इन सारे सेशन को करना था और रिफ्लेक्शन भी लिखने थे। बच्चो के साथ मेरा यह रीड अलाउड का सफर बहुत ही अच्छा गया था जो कि अब भी जा रहा है। मैने मेरे मेंटर विश्वनाथ जी के दिशा निर्देश में यह सारे सेशन को सफल बनाया था। मुझे कुछ चुनौतियां भी मिली पर वह चुनौतियां मेरे सीखने के लिए एक द्वार खोल देती थी । मुझे इस पूरी प्रक्रिया में काफी कुछ नया सीखने को मिला।
रीड अलाउड को एक पूरे फ्लो के साथ कैसे करना है , बच्चो का किस प्रकार जुड़ाव बनाए रखना है रीड अलाउड के साथ आदि रीड अलाउड के लिए किस प्रकार की योजना बनाई जाती है, प्री एक्टिविटी से लेकर एक्सटेंशन तक, हमे किन किन बातो के उपर ध्यान देने की आवश्यकता है यह मेरे लिए एक बहुत ही अच्छी सीख थी। पहले मैं रीड अलाउड के सत्र तो करती थी पर रीड अलाउड को करते समय जिस तरह का माहौल या वातावरण की श्रृष्टि करनी होती है, बच्चो को विभिन्न प्वाइंट पर बच्चो के साथ रुक कर बाते करनी , बच्चो की राय लेनी, इस बात में मेरी समझ काफी विकसित हुई है । मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण सीख यह थी की हमे रीड अलाउड के लिए अक्सर उन्ही किताबो का चयन करना चाहिए जिन्हें बच्चो ने नहीं पढ़ा हो क्युकी ऐसा होने से कहानी के प्लॉट के खुलासा होने की संभावना रहती है । मेरे फील्ड प्रोजेक्ट की कुछ तस्वीरें इस प्रकार है –
अंत में मैं पूरे बुक वॉर्म टीम का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे मेरे बच्चों के साथ एक नए सफर में जाने का दिशा निर्देश दिया।